सितारों कि बारात में चांदनी कि तरह,
फूलों के गुलसिते में गुलाब कि तरह
दमकते रहो इस जहाँ में तूम,
किसी रानी के सरताज के कोहिनूर कि तरह!
जिले ये सारे दिन इस तरह,
रात कभी देखी ना हो जिस तरह
उम्मीद कि किरणो के साथ चलता जा इस तरह,
हार ने दस्तक कभी दी ना हो जिस तरह!
तूफ़ानो से लड़ते आये है इस तरह,
हिमालय से डटने का होंसला हो जिस तरह
इरादो में हो तेरे बुलंदी इस तरह,
पर्वत चीर के निकलती है नदी जिस तरह
कभी जो हो जाये गुमशुदा खुद से तोह,
कोई अपना मिल जाये आईने कि तरह
दुआ रहेगी हर लम्हा यही कि,
रब मेहरबान रहे बरसते बादल कि तरह.
No words…. Simply Awesome !!!
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Great poem! Simply beautiful 🙂
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wow KD…
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Thank u Mihir 🙂
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Thanks Dear !
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Thank u RG 🙂
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